चुनाव आयोग के आपराधिक पृष्ठभूमि वाले दागी उम्मीदवारों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की उड़ी धज्जियां

खास बातें



  • - चुनाव आयोग के पास आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के इश्तेहार के संबंध में कोई जानकारी नहीं  

  • - कोर्ट ने नामांकण और चुनाव के बीच तीन बार अखबारों में आपराधिक रिकार्ड के ब्यौरा प्रकाशित करने का दिया आदेश 

  • - पहले चरण में 91 सीटों पर हो रहे चुनाव में 1266 उम्मीदवारों में 213 आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 



 

लोकसभा चुनाव का पहला चरण शुरु हो गया और चुनाव आयोग के पास आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के अखबार में इश्तेहार के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2018 में आदेश दिया था कि दागी उम्मीदवारों को नामांकन से मतदान के दो दिन पहले तक तीन अखबारों में अपना आपराधिक ब्यौरा प्रकाशित  करना होगा। इसके अलावा जिन दल ने ऐसे लोगों को टिकट दिया है उस दल को भी तीन अखबारों में ऐसा ही इश्तेहार देना होगा। लेकिन आयोग के पास अबतक ऐसे किसी इश्तेहार की जानकारी नहीं है। जबकि पहले चरण में 91 सीटों पर हो रहे चुनाव में 1266 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं जिनमें 213 यानि 17 फीसदी आपराधिक पृष्ठभूमि से हैं।  


अमर उजाला की तरफ से चुनाव आयोग से इस संबंध में पूछे गए सवालों का कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को एडवायजरी जारी की थी कि ऐसे उम्मीदवार और दल इश्तेहार की प्रति जिला चुनाव अधिकारी के दफ्तर में जमा कराएं। लेकिन किसी जिले से ऐसा कोई ब्यौरा चुनाव आयोग मुख्यालय को नहीं भेजा गया है। इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश और चुनाव आयोग की  एडवायजरी का उम्मीदवार और राजनीतिक दल की तरफ से खुला उल्लंघन माना जा रहा है। 

आयोग सूत्रों के मुताबिक दिसंबर में हुए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम, तेलंगाना विधानसभा चुनावों में भी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले किसी भी उम्मीदवार के इश्तेहार की सूचना आयोग को नहीं दी गई थी। आयोग के एक पूर्व विधि सलाहकार ने बताया कि आयोग के पास  कोर्ट के इस आदेश को पालन कराने का पूरा समय था। लेकिन ऐसा अबतक होता नहीं दिख रहा है।

नामांकण पत्र में घोषित ब्यौरे के मुताबिक पहले चरण में मैदान में उतरे 213 आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों में 146 पर संगीन अपराध केमामले हैं। 12 सजायाफ्ता और 25 पर हत्या के प्रयास का मुकदमा है। इन उम्मीदवारों में चार पर अगवा करने और 12 पर महिलाओं के प्रति अपराध का मुकदमा है।

जहां तक पार्टियों का सवाल है पहले चरण में भाजपा और कांग्रेस 83-83 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इनमें से कांग्रेस ने 35 सीटों पर और भाजपा ने 30 सीटों पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार उतारे हैं। इनमें कांग्रेस के 22 और भाजपा के 16 उम्मीदवारों पर संगीन मामले हैं। इसी तरह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 32 सीटों में से आठ पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार हैं। टीडीपी के 25 में से चार, टीआरएस के17 में पांच और वाईएसआरसीपी के 25 में 13 अपराध से जुड़े उम्मीदवार हैं।

- चुनाव आयोग के पास आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के इश्तेहार के संबंध में कोई जानकारी नहीं - कोर्ट ने नामांकण और चुनाव के बीच तीन बार अखबारों में आपराधिक रिकार्ड के ब्यौरा प्रकाशित करने का दिया आदेश - पहले चरण में 91 सीटों पर हो रहे चुनाव में 1266 उम्मीदवारों में 213 आपराधिक पृष्ठभूमि वाले